1. सरफेस प्लेट:- यह वर्गाकार अथवा आयताकार
ढलवां लोहे का बना होता है। इसके उपरी सतह को मशीन व स्क्रैप करके परिशुद्ध बना
दिया जाता है। भारतीय मानक संस्था (I.S.I.) के अनुसार इसका साइज़ 50X50 सेमी तथा
मोटाई 2.5 से 5 सेमी होता है। इसका उपयोग शूक्ष्ममापी यन्त्रों द्वारा मार्किंग
तथा जॉब कि समतलता को चेक करने के लिए किया जाता है।
सरफेस प्लेट के प्रकार:-
धातु के अनुसार यह निम्न प्रकार के होते है-
1. ढ़लवा लोहे का सरफेस
प्लेट
2. ग्रेनाइट सरफेस प्लेट
3. ग्लास सरफेस प्लेट
1. ढलवा लोहे का सरफेस
प्लेट:- यह प्रायः सघन
तन्तु(close grain) ढलवां लोहे का बना होता है। इसमें मृदु स्पात के दो हत्थे इसे
उठाने के लिए लगे होते है। इसके ऊपरी किनारे निचे के आधार से बाहर निकले होते है जिससे
आवश्यकता पड़ने पर जॉब को क्लैम्प से बाधा जा सके। इसकी यथार्थता ग्रेड में
प्रदर्शित कि जाती है। A ग्रेड वाली सरफेस प्लेट
कि यथार्थता 0.001 से 0.0025 मिमी होती है।
2. ग्रेनाइट सरफेस प्लेट:- यह एक विशेष पत्थर से बना
होता है जिसे ग्रेनाइट कहते है। कार्य करते समय इसपर खरोंच आने पर भी इसकी
यथार्थता पर कोई प्रभाव नही पड़ता है इसपर न तो जंग लगता है और न ही इस पर ताप का
कोई प्रभाव पड़ता है। कार्य के अनुसार ये कई आकर तथा साइज़ के मिलते है।
3. ग्लास सरफेस प्लेट:- यह काँच कि बनी होती है।
इसपर जंग नही लगता है। यह 15X15 सेमी से 60X90 सेमी के साइजो में मिलते है। इसकी
यथार्थता 0.004 मिमी से 0.008 मिमी तक होती है। इसका उपयोग छोटे कार्यो के लिए
किया जाता है।
2. ऐंगल प्लेट:- यह कास्ट आयरन अथवा कास्ट
स्टील का बना होता है। इसकी दोनों भुजाएँ तथा साइड के किनारे समकोण पर परिशुद्ध
मशीन करके जुड़े होते है। यह कई साइजों में मिलते है। इसका साइज़ इसके लम्बाई, चौड़ाई
तथा ऊंचाई से लिया जाता है। जैसे-150X150X100 मिमी
ऐंगल प्लेटके प्रकार:- यह चार प्रकार के होते है।
1. प्लेन या सॉलिड ऐंगल
प्लेट 2. झिर्रियों वाली
ऐंगल प्लेट
3. एडजैस्टेबल ऐंगल प्लेट 4. बक्से कि आकृति वाला ऐंगल प्लेट
1. प्लेन या सॉलिड ऐंगल
प्लेट:- इसकी दोनों सतह तथा
भुजाएँ एक दूसरे से समकोण(90०) पर जुडी होती है। इसके पीछे कि ओर
सपोर्ट लगा होता है यह सबसे अधिक प्रयोग किया जाने वाला ऐंगल प्लेट होता है।
2. झिर्रियों वाली ऐंगल
प्लेट:- इस ऐंगल प्लेट की भी
सतह तथा भुजाएँ एक दुसरे से समकोण पर जुडी होती है। इस ऐंगल प्लेट की एक सतह पर
लम्बवत तथा दूसरी सतह पर क्षैतिज झिर्रियाँ कटी होती है। इन झिर्रियों की सहायता
से जॉब को आवश्यकतानुसार लम्बवत तथा क्षैतिज पकड़ा जाता है।
3. एडजैस्टेबल ऐंगल प्लेट:- इस ऐंगल प्लेट कि दोनों
भुजाएँ कब्जे की भांति खुलती है तथा नट-वोल्ट कि सहायता से आपस में जुड़ी होती है। इसमें
डिग्री के निशान अंकित होते है जिससे इनको आवश्यकतानुसार किसी भी कोण पर सेट किया
जा सकता है।
4. बक्से कि आकृति वाला
ऐंगल प्लेट:- यह बॉक्स के आकार का
बना होता है। इसके चारो फेस एक दूसरे से समकोण पर जुड़े होते है। इसके चारो फेसों
पर झिर्री कटी होती है जिससे जॉब को किसी भी ओर से पकड़कर मार्किंग किया जाता है।
ऐंगल प्लेट कि परिशुद्धता:- परिशुद्धता के अनुसार यह
ग्रेड-1 तथा ग्रेड-2 में मिलते है। ग्रेड-1 के ऐंगल प्लेट ग्रेड-2 कि अपेक्षा अधिक
परिशुद्ध होते है तथा यह अधिकतर टूलरूम में प्रयोग किये जाते है। ग्रेड-2 के ऐंगल
प्लेट प्रायः मशीन शॉप में प्रयोग किये जाते है।
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