धातु को काटने के लिए मुख्य रूप से आरियों का प्रयोग किया जाता है। पतले धातुओं को हस्त चालित आरी तथा मोटे धातु के टुकड़े को मशीन चालित आरी(पॉवर सॉ) से काटा जाता है।
इस अध्याय में पॉवर सॉ के बारे में अध्ययन
किया जायेगा-
पॉवर सॉ के प्रकार-
1. रेसीप्रोकेटिंग पॉवर सॉ(Reciprocating
Power Saw)
2. क्षैतिज बैंड आरी(Horizontal Band Saw)
3. वृत्ताकार आरी(Circular Saw)
4. कंटूर बैंड आरी(Contour Band Saw)
1. रेसीप्रोकेटिंग
पॉवर सॉ(Reciprocating Power Saw)- इस पॉवर सॉ का प्रयोग सबसे अधिक किया जाता है। यह
हैण्ड सॉ की तरह ही कार्य करता है। इसमें आरी को आगे-पीछे मशीन की सहायता से किया
जाता है।
2. क्षैतिज बैंड
आरी(Horizontal Band Saw)- इसमें क्षैतिज रूप से दो पुल्लियाँ लगी होती है
जिनपर एक फ्लेक्सिबल सिरा रहित आरी ब्लेड लगा रहता है। इसमें जॉब को एक बेड पर
बांधा जाता है। बेड को किसी भी कोणीय स्थिति में घुमाया जा सकता है।
3. वृत्ताकार
आरी(Circular Saw)- इस मशीन में ब्लेड वृत्ताकार प्लेट के आकार का होता है जिसकी परिधि पर
दांते कटे होते है। जॉब को स्लाइडिंग वाइस में कसकर पकड़ा जाता है।
4. कंटूर बैंड
आरी(Contour Band Saw)- इसमें ब्लेड पतला तथा कम चौड़ा होता है जिससे इसे
किसी भी दिशा में चलाया जा सकते है। यह लगातार घूमते हुए कटाई करता रहता है। इस
मशीन का प्रयोग बिभिन्न प्रकार की प्रोफाइल को काटने के लिए किया जाता है।
पॉवर हैक्सा ब्लेड(Power
Hakshaw Blade)- हैक्सा ब्लेड कार्बन स्टील , हाई कार्बन स्टील, हाई स्पीड स्टील आदि
के बनाये जाते है जिसे बाद में हार्ड व टेम्पर किया जाता है। पॉवर हैक्सा के ब्लेड
का चयन निम्न बातों पर निर्भर करता है।
1. ब्लेड का पिच काटे जाने वाले पदार्थ पर
निर्भर करता है। ब्लेड का पिच प्रति इंच दाँतो की संख्या से निर्धारित की जाती है।
2. सामान्य कार्यों के लिए लगभग 10 पिच
वाले ब्लेड प्रयोग किये जाते है अर्थात एक इंच में 10 दाँते।
3. मुलायम पदार्थो के लिए प्रति इंच कम
दाँतो वाले ब्लेड प्रयोग किये जाते है।
4. मोटे धातुओं को काटने के लिए मोटे पिच
वाले ब्लेड का प्रयोग किया जाता है।
5. कठोर धातुओं के लिए प्रति इंच अधिक
दाँतो वाले ब्लेड प्रयोग किये जाते है।
6. ब्लेड में दाँतो की सैटिंग अत्यंत
आवश्यक है।
दाँतो की सैटिंग- ब्लेड को कटी गयी
झिर्री में फसने से बचाने के लिए दाँतो को देनो तरफ कुछ मोड़ दिया जाता है जिससे
झिर्री की मोटाई ब्लेड की मोटाई से अधिक हो जाती है और ब्लेड बिना फँसे आसानी से
कटाई करता है।
दाँतो की सैटिंग निम्न प्रकार से की जाती
है-
1. सिंगल स्टैगर्ड सैटिंग- इसमें एक दांत
दायें तो एक दांत बाये अल्टरनेट मोड़ा जाता है तथा चार दाँतो के बाद पांचवा दांत
सीधा रखा जाता है। मोटे पिच के ब्लेडों में यह सैटिंग की जाती है।
2. डबल स्टैगर्ड सैटिंग- इसमें दो दांत
दायें तो दो दांत बाये मोड़ा जाता है तथा चार दाँतो के बाद पांचवा दांत सीधा रखा
जाता है। मीडियम पिच के ब्लेडों में यह सैटिंग की जाती है।
3. वेव सैटिंग- इसमें दाँतो को चित्र के
अनुसार एक लहर के रूप में मोड़ा जाता है। फाइन पिच के ब्लेडों में यह सैटिंग की
जाती है।
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