स्क्रैपिंग(Scraping):- कुछ ऐसे कार्य होते
है जिनको बहुत अधिक शुद्धता में बनाने की आवश्यकता होती है इनको मशीन द्वारा बनाने
का बाद भी इनकी सतह पर बहुत से उभार(spots) या बर रह जाते है जो की हानिकारक होते
है इनको हाथ से किसी खुरचनी द्वारा खुरचकर हटाया जाता है इसी प्रक्रिया को स्क्रैपिंग
कहा जाता है तथा जिस औजार से इस कार्य को किया जाता है उसे स्क्रैपर कहा जाता है
स्क्रैपर(Scraper):- स्क्रैपर जरुरत के
आधार पर किसी भी तरह का हो सकता है यह हाई कार्बन स्टील या टूल स्टील का बनाया
जाता है जिसके एक सिरे पर पकड़ने अथवा हथौड़े से चोट करने के लिए हत्था लगा रहता है
तथा दुसरे सिरे पर कटाई के लिए चपटा अथवा नुकीला बनाया जाता है
बनावट के आधार पर स्क्रैपर भिन्न प्रकार के होते है
1. फ़्लैट स्क्रैपर 2. हुक स्क्रैपर 3. हाफ राउण्ड स्क्रैपर
4. ट्राइएंगुलर स्क्रैपर 5.
टू-हैण्डिल स्क्रैपर 6. बुल नोज स्क्रैपर
स्क्रैपिंग प्रक्रिया:- स्क्रैपिंग के लिए
पहले उभार वाले बिन्दुओं पर निशान लगाया जाता है इसके लिए सरफेस प्लेट पर
पर्शियन ब्लू लगाकर उसपर जॉब को रगड़ा जाता है जिससे उभार वाले स्थान पर रंग लग
जाता है स्क्रैपर को जॉब के सतह से 30 अंश के कोण पर रखकर रगड़ा जाता है इस
प्रक्रिया को बार-बार दोहराया जाता है जब तक कि एक वर्ग इंच में 30 से अधिक निशान न
लग जय स्क्रैपर के एक स्ट्रोक में लगभग 30 mm लम्बी सतह को स्क्रैप किया जाता है
अगर संभव हो तो स्क्रैप को एक दिशा में चलाकर दुबारा उससे 90 अंश पर भी चलाना
चाहिए
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