वर्नियर कैलीपर(Vernier Caliper):-
यह एक शुक्ष्ममापी यंत्र है। जिसकी सहायता से 0.02mm तक की दुरी को यथार्थता पूर्वक मापा जा सकता है। चित्र की तरह इसमें दो स्थिर जबड़ा(1 तथा 2) तथा दो चल जबड़ा(3 तथा 4) होता है। चित्र में जबड़ा 1 और 4 की सहायता से वाह्य माप तथा जबड़ा 2 और 3 की सहायता से आतंरिक माप लिए जाते है। इसमें एक गहराई छड़(7) भी होता है जिसकी सहायता से गहराई वाली जगहों पर भी आसानी से मापा जा सकता है। इसमें मुक्य रूप से एक धरन(Beam)(6) होता है जिसके ऊपर कैलीपर के सभी पार्ट्स लगे होते है। धरन पर ही मुख्य पैमाना होता है। मुख्य पैमाने के साथ एक सरकने वाला वर्नियर पैमाना(9) लगा होता है। वर्नियर पैमाने को कई भागों में बाटा जाता है जिसे वर्नियर भाग कहते है। इसमें एक थम्ब लीवर(8) होता है जो स्प्रिंग के साथ लगा होता है। यह वर्नियर स्लाइड को मुख्य पैमाने के साथ किसी भी स्थान पर स्थिर करने के कम आता है।
वर्नियर कैलीपर का अल्पतमांक ज्ञात करना-
वर्नियर कैलीपर के मुख्य पैमाने के 49 mm भाग को वर्नियर पैमाने की सहायता से 50 बराबर भागों में बिभाजित किया जाता है।
अतः वर्नियर पैमाने के एक भाग का मान = 49/50mm
अतः अल्पतमंक = मुख्य पैमाने के एक भाग का मान - वर्नियर पैमाने के एक भाग का मान
= 1 mm-49/50 mm
= 0.02 mm
नोट- कभी-कभी मुख्य पैमाने के 9 mm को वर्नियर के 10 भागों से बिभाजित किया जाता है। तब अल्पतमंक = 1-9/10 mm = 0.1 mm होगा।
चित्र में मुख्य पैमाने की रीडिंग 60 mm दिखाया गया है। अब हमें वर्नियर पैमाने की रीडिंग ज्ञात करनी है। हम देखते है की वेर्नियर पैमाने का 28 वां भाग मुख्य पैमाने के किसी भाग से मिल रहा है।
अतः वर्नियर पैमाने का मान = अल्पतमांक X वर्नियर का मिलने वाला भाग
= 0.02 X 28 = 0.56 mm
अतः कुल रीडिंग = 60mm + 0.56mm = 60.56mm
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