चाबी(Key):- मशीन के एक पार्ट से दूसरे पार्ट को शक्ति संचालित करने के लिए हब या शॉफ्ट का प्रयोग किया जाता है जिनके ऊपर पुल्ली, गियर आदि फिट किया जाता है | पुल्ली अथवा गियर को फिट करने के लिए शॉफ्ट तथा पुल्ली के बीच में जो पार्ट्स लगाया जाता है उसे चाबी कहा जाता है |
चाबी घाट:- चाबी जिस ग्रूव या झिर्री में फिट किया जाता है उसे चाबी घाट(Key way) कहां जाता है |
चांदी के प्रकार:- यह मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं | 1.शंख की 2. सैंडल की
1. शंक की- यह आकार के अनुसार पांच प्रकार के होते हैं |
1. जिब हैड की (Gib head key) 2.फीदर की(Feather key) 3. शंक की(Sunk key)
4. वुडरफ की(Wood rough key) 5.गोलाकार टेपर की(Circular taper key)
1. जिब हैड की (Gib head key)- यह चाबी एक तरफ से प्लेन और ऊपर से टेपर होता है इसके एक सिरे पर हेड बना होता है जिससे इसे निकालने में आसानी होती है |
2.फीदर की(Feather key)- यह चाबी आयताकार क्रास सैक्शन का समानांतर बना होता है तथा इसे चाबी घाट के बीच में फिट किया जाता है इसके दोनों सिरे गोलाकार होते हैं तथा दोनों सिरे पर होल बने होते हैं जिससे इसे साॅफ्ट करके चाबी घाट में पेंच लगाकर कस दिया जाता है |
3. शंक की(Sunk key)- यह आयताकार क्रास सैक्शन का बना होता है इसे फिट करने के लिए साफ साहब दोनों में चाबी घाट बना होता है यह दो प्रकार का होता है | 1. समानांतर शंक की 2. टेपर्ड शंक की
4. वुडरफ की(Wood rough key)- यह एक समानांतर सर्कुलर डिस्क होता है इसका ऊपरी भाग आयताकार बना होता है तथा नीचे का भाग अर्थ गोल होता है और चाबी के आकार के अनुसार चाबी घाट बना होता है | जिसमें इसको फिट किया जाता है | यह साधारण तौर पर हल्की तथा तेज चलने वाली जगहों पर प्रयोग किया जाता है |
5.गोलाकार टेपर की(Round taper key)- यह गोलाकार क्रॉस सेक्शन की टेपर पिन होती है | यह 1:50 के टेपर में बना होता है | यह आधा साॅफ्ट तथा आधा हब में फिट किया जाता है | इसे पिन चाबी भी कहा जाता है |
2. सैडल की- यह दो प्रकार का होता हैं |
1. फ्लैट सैडल की 2. हाॅलो सैडल की
1. फ्लैट सैडल की- इसको सेट करने के लिए साॅफ्ट के ऊपरी भाग को थोड़ा सा प्लेन कर दिया जाता है इसीलिए इसका प्रयोग हल्के कार्यों के लिए किया जाता है |
2. हाॅलो सैडल की- यहां फ्लैट चाबी की तरह होता है अंतर केवल इतना है कि इसके नीचे वाली सरफेस फ्लैट न होकर गोलाकार में बना होता है तथा यह गोलाकार साॅफ्ट के व्यास के अनुसार होता है |
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